फुटबॉल, जुनून, राष्ट्रवाद और डेथ मैच!
फुटबॉल, जुनून, राष्ट्रवाद और डैथ मैच.. मैच की आखिरी गेंद, चेतन शर्मा अपने पूरे रन अप के साथ दौड़ते हुए, जीत के लिए पाकिस्तान को चाहिए चार रन, इस आखिरी गेंद को खेलने के लिए क्रीज पर हैं जावेद मियाँदाद... शर्मा, राइट आर्म ओवर द मीडियम फ़ास्ट, शर्मा ने हाथ घुमाया और ये क्या, ये तो फुलटॉस गेंद... मियाँदाद ने पूरी ताकत से बल्ला घुमाया, गेंद मिडविकेट के पार.. और ये छक्का.... एक बेहद ही रोमांचक और इतिहास में दर्ज होने लायक मैच जिसमें आखिरी गेंद तक नाखून चबाता सारा देश उस बॉल के बाद एक साथ आह कर उठा. 2011 का वर्ल्ड कप याद है जब धोनी ने छक्का मार कर वर्ल्ड कप जितवाया था, उस छक्के के बाद भी देशवासियों के मन में कम से कम छः महीने तक हिलोरें उठतीं रहीं थीं. अब आप ये सोच रहे होंगे कि मैं कहाँ फुटबॉल का हैडिंग टांक कर आपको क्रिकेट बाँच कर कंफ्यूजिया रहा हूँ तो ऊपर लिखा सारा कुछ दरअसल फुटबॉल के बारे में ही समझाने का प्रयास है. आप अगर क्रिकेट मैच के साथ दर्शाए रोमांच, उत्तेजना, विषाद, राष्ट्रवाद वगैरह सारी भावनाओं को क्रिकेट खेलने वाले दस~ग्यारह देशों...